कृष्ण जन्माष्टमी हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का पर्व है। इस दिन भक्तजन विशेष पूजा-अर्चना करते हैं।
इस साल श्रीकृष्ण भगवान का जन्मदिवस 26 अगस्त को मनाया जा रहा है। इस पावन अवसर पर भक्तजन भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप, लड्डू गोपाल, की पूजा-अर्चना करते हैं। रात 12 बजे कृष्ण जी की प्रतिमा का अभिषेक किया जाता है, इसके बाद श्रीकृष्ण जी की आरती की जाती है। फिर जन्माष्टमी का भोग अर्पित किया जाता है।
कृष्ण जन्माष्टमी 2024 के लिए पूजा का शुभ मुहूर्त रात 12:01 बजे से शुरू होकर 12:45 बजे तक रहेगा। यह निशिता काल में पूजा का समय है, जिसे भगवान कृष्ण की पूजा के लिए सबसे शुभ माना जाता है। अब आइए जानते हैं कि जन्माष्टमी के दिन पूजा कैसे की जाती है। krishna janmashtami puja vidhi in hindi, krishna janmashtami puja vidhi in hindi, krishna janmashtami puja vidhi in hindi,krishna janmashtami puja vidhi in hindi
आइए जानते हैं कि कृष्ण जन्माष्टमी की पूजा विधि क्या है।
Krishna Janmashtami Puja Vidhi In Hindi
- स्नान और पवित्रता:
- पूजा से पहले स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- पूजा स्थान को साफ करें और उसे गंगाजल से पवित्र करें।
- पूजा स्थान की तैयारी:
- पूजा स्थल पर भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
- मूर्ति या चित्र के सामने एक चौकी रखें और उस पर स्वच्छ कपड़ा बिछाएं।
- दीपक, अगरबत्ती, पुष्प, फल, मिठाई, तुलसी पत्र, और गंगाजल पूजा के लिए तैयार रखें।
- दीप प्रज्वलन: krishna janmashtami puja vidhi in hindi
- सबसे पहले दीपक जलाएं और भगवान श्रीकृष्ण के सामने रखें।
- अगरबत्ती जलाकर भगवान को अर्पित करें।
- गणेश पूजन:
- पूजा से पहले भगवान गणेश की पूजा करें, ताकि पूजा में कोई विघ्न न आए।
- श्रीकृष्ण का आह्वान: krishna janmashtami puja vidhi in hindi
- भगवान श्रीकृष्ण का ध्यान करते हुए उनका आह्वान करें। “ॐ श्री कृष्णाय नमः” मंत्र का जाप करें।
- भगवान को जल से स्नान कराएं और उन्हें नए वस्त्र अर्पित करें।
- श्रृंगार:
- भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति या चित्र को फूलों से सजाएं।
- भगवान को माला पहनाएं और उनके माथे पर चंदन का तिलक लगाएं।
- भोग अर्पण:
- भगवान श्रीकृष्ण को माखन, मिश्री, फल, मिठाई, और तुलसी पत्र का भोग अर्पित करें।
- “ॐ देवाय नमः” कहते हुए भोग अर्पित करें।
- आरती: krishna janmashtami puja vidhi in hindi
- “ॐ जय जगदीश हरे” या “श्रीकृष्ण गोविंद हरे मुरारी” आरती गाएं।
- आरती के बाद भगवान को कपूर से आरती दिखाएं।
- भजन-कीर्तन:
- भगवान की आरती के बाद भजन-कीर्तन करें और भगवान के गुणगान करें।
- प्रसाद वितरण:
- पूजा के बाद भोग को प्रसाद रूप में सभी को वितरित करें।
- पूजा का समापन:
- पूजा के अंत में भगवान श्रीकृष्ण से क्षमा प्रार्थना करें और उनके आशीर्वाद की कामना करें।
कृष्ण जन्माष्टमी के इस पावन पर्व पर इस पूजा विधि का पालन करके आप भगवान श्रीकृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।
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